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EMI of all loans including home-car loan will increase once again! This decision of RBI will increase the burden| होम-कार लोन समेत सभी लोन की EMI एक बार फिर बढ़ेगी! RBI के इस फैसले से बढ़ेगा बोझ

EMI of all loans including home-car loan will increase once again! This decision of RBI will increase the burden| होम-कार लोन समेत सभी लोन की EMI एक बार फिर बढ़ेगी! RBI के इस फैसले से बढ़ेगा बोझ

Photo:FILE लोन की EMI

एक बार फिर आपकी होम-कार लोन समेत सभी तरह की लोन की ईएमआई बढ़ सकती है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक बार फिर अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच गुरुवार को पेश होने वाली मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि का फैसला कर सकता है। आपको बता दें कि महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ने मई 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। गत फरवरी में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। अगर नए वित्त वर्ष में भी रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, जिसकी संभावना अधिक है तो सभी तरह के लोन पर बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे। इसके चलते लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ेगा।

होम लोन की दर 9 फीसदी के करीब पहुंची

आपको बता दें कि पिछले 11 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी किया है। एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य ने हाल ही में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं दरों में एक और अंतिम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करता हूं।’’ बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘पिछले दो माह से मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से ऊपर बने रहने और तरलता के भी अब लगभग तटस्थ हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है। कुल मिलाकर समूचे वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई कुल छह एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा। केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रहे। बैंकों ने होम, कार लोन समेत सभी तरह के लोन पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। इसके चलते होम लोन पर ब्याज दर बढ़कर 9 फीसदी के करीब पहुंच गई है। वहीं, कार लोन करीब 10 फीसदी पर पहुंच गया है। एक और बढ़ोतरी से आम लोगों पर ईएमआई का बोझ बढ़ेगा। यह बाजार के सेंटिमेंट पर असर डालेगा। इससे सबसे ज्यादा असर घर की मांग पर हो सकती है। होम लोन महंगा होने से घर की मांग कम हो सकती है।

रिजर्व बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी न करें

रियल एस्टेट कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि हम रिजर्व बैंक से अनुरोध करते हैं कि वह रेपो रेट में बढ़ोतरी न करें। रेपो रेट में बढ़ोतरी करने से बिल्डरों और ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा हो जाएगा जिससे घरों की बिक्री प्रभावित होगी। आरबीआई से अनुरोध है कि रेपो दर में और वृद्धि नहीं की जाए क्योंकि इससे दाम बढ़ेंगे और आवास ऋण की दरों में वृद्धि से बिक्री प्रभावित होगी। बीते एक साल में, आरबीआई द्वारा रेपो दरों में वृद्धि करने से निर्माण लागत बहुत तेजी से बढ़ी है, इससे वित्तीय संकट से पार पाने के लिए संघर्ष कर रहे डेवलपर की परेशानी बढ़ गई है। रेपो दरों में और वृद्धि करने से कुछ परियोजनाएं पूरी करना वित्तीय रूप से कठिन हो जाएगा और आवास की ऋण दरें सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने से घर खरीदार भी पीछे हट जाएंगे। अगर अब बढ़ोतरी होगी तो Home loan की ब्याज दर 10 प्रतिशत के पार चली जाएगी जो खरीदारों की भावनाओं को प्रभावित करेगा। 

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