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- 7 Railway Gumti In Patna, Proposal Made To Build Underbridge At One Place, That Too Not Approved For 7 Years
पटना28 मिनट पहलेलेखक: आलोक कुमार
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जाम में खड़े वाहन (फाइल फोटो)
पटना से बिहटा की ओर शहर का विस्तार सबसे तेजी से हो रहा है। आईआईटी-एनआईटी की स्थापना के साथ ही नए एयरपोर्ट की चर्चा के बीच नई कॉलोनियां बस रही हैं और फाेरलेन से लेकर एलिवेटेड सड़क का निर्माण भी हो रहा है। लेकिन, इन सबके बीच विकास की रफ्तार में ब्रेकर का काम कर रहे हैं नई दिल्ली-कोलकाता मेन लाइन पर स्थित सात रेलवे फाटक। आज भी ट्रेनों के गुजरने पर गिराया और उठाया जाता है। इन सातों रेलवे फाटकों के दोनों ओर अभी 10 लाख से अधिक आबादी बसती है।
इनमें सिर्फ शिवालय फाटक पर रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण हो रहा है। सचिवालय और फुलवारी के पास के दो फाटक तो शहर के बीचोबीच हैं। सचिवालय फाटक से थोड़ी दूरी पर दोनों ओर आरओबी बन जाने से यहां के लोगों को उतनी परेशानी नहीं होती, पर फुलवारी फाटक आज भी इसके दोनों ओर स्थित 50 मोहल्लों की ढाई लाख से अधिक की आबादी को प्रभावित करता है। फुलवारी स्टेशन पर बने फाटक के मेंटेनर ने भास्कर को बताया कि एक ट्रेन को पार कराने के लिए तीन से चार मिनट के लिए फाटक को गिराना पड़ता है।
फिर ट्रेन गुजरने के बाद फाटक को उठाते-उठाते औसतन पांच मिनट का समय लग ही जाता है। अगर ट्रेन या मालगाड़ी पाटलिपुत्र की ओर जाती है, तो फाटक को छह से सात मिनट गिराना पड़ता है, जिसे उठाने में आठ से नौ मिनट का समय लग जाता है। 24 घंटे में 100 से अधिक ट्रेनें और मालगाड़ी पार होती हैं, ऐसे में आठ-नौ घंटे फाटक गिरा ही रहता है, जिससे दक्षिण की तरफ बिरला कॉलोनी मोड़ के आगे और उत्तर की तरफ एयरपोर्ट बाउंड्री के अंतिम छोर से भी आगे करीब 400 से 500 वाहनों की कतार लग जाती है। अमूमन ऐसी स्थिति सभी सातों फाटकों की है।
समस्या का समाधान क्या
बने ओवरब्रिज या अंडरब्रिज
इस समस्या का एक ही समाधान है कि इन सात फाटकों को हटाकर वहां आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) या आरयूबी (रेलवे अंडरब्रिज) का निर्माण हो। लेकिन, इनमें सिर्फ शिवालय फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है। फुलवारी फाटक पर रेलवे अंडरब्रिज निर्माण की योजना चार साल से लटकी है। शेष पांच जगहों पर आरओबी या आरयूबी बनाने की अभी कोई योजना नहीं है।
समाधान में बाधा क्या : पथ निर्माण ने 4 साल बाद भी नहीं दी प्रस्ताव को मंजूरी
रेलवे ने फुलवारी गुमटी पर ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव बनाया था। लेकिन सुरक्षा का हवाला देते हुए एयरपोर्ट अथाॅरिटी ने एनओसी नहीं दी। इसके बाद 2016 में अंडरब्रिज बनाने का प्रस्ताव बनाया। रेलवे ने एनओसी के साथ इसे 22 मार्च 2016 को बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को भेजा। तीन साल तक पुल निर्माण निगम इसे अपने पास रोके रखा। फिर ड्राइंग एप्रूव होने के बाद डीपीआर निर्माण और प्राेजेक्ट की राशि की स्वीकृति के लिए 26 जुलाई 2019 को पथ निर्माण विभाग को भेजा गया, लेकिन वहां भी काम इससे आगे नहीं बढ़ सका।

फाटकों को हटाने का नियम
किसी फाटक से 24 घंटे में एक लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं, तो आरओबी या आरयूबी बनाने की जरूरत समझी जाती है। इसके बाद राज्य सरकार के संबंधित विभाग के साथ समन्वय बैठक होती है और प्लान एप्रूव किया जाता है। फिर निर्माण के लिए एजेंसी तय हाेती है। आधा पैसा रेलवे और आधा पैसा राज्य सरकार देती है।
रेलवे फाटक इन जगहों पर
सचिवालय, फुलवारी, दानापुर का शिवालय, नेउरा पूर्वी भाग, सरारी गुमटी, सदीसोपुर, बिहटा पूर्वी भाग।
सबसे ज्यादा समस्या
सचिवालय, फुलवारी, दानापुर का शिवालय और सरारी गुमटी।
सीधी बात: वीरेंद्र कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल
Q.रेलवे फाटकों पर जाम की समस्या कैसे दूर होगी?
A.इन फाटकोंं से 24 घंटे में एक लाख से अधिक वाहन पार करते हैं, वहां आरओबी या आरयूबी बनाने का नियम है।
Q.तो फिर बना क्यों नहीं रहे?
A.फुलवारी में आरयूबी के निर्माण के लिए समन्वय बैठक पुल निर्माण निगम के साथ हो चुकी है। जल्द ही इस पर निर्णय होने की उम्मीद है। सचिवालय फाटक से सटे गर्दनीबाग में आरआेबी बना हुआ है। अगर फिर भी समस्या है, तो इसकी समीक्षा की जाएगी।
हनुमान प्रसाद चौधरी, चीफ इंजीनियर, पथ निर्माण विभाग
Q.फुलवारी में आरयूबी बनाने में देरी क्यों?
A.इस्टीमेट बन कर तैयार हो चुका है। रेलवे के साथ समन्वय स्थापित कर जल्द ही इस पर काम शुरू करने का प्रयास किया जाएगा।