समस्तीपुर20 मिनट पहले
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जुगाड़ वाली नाव का सहारा लेते हैं लोग
समस्तीपुर जिले के पटोरी प्रखंड मुख्यालय से 7 किलोमीटर पश्चिम यानी रुपौली पंचायत के अरैया गांव के वार्ड संख्या 14 के लोगों को आजादी के 76 साल बीत जाने के बाद भी जुगाड़ू नाव का सहारा लेना पड़ता है।
लोगों को होती है काफी परेशानी
ग्रामीण अजय कुमार राय बताते हैं इस गांव के लोगों को अस्पताल, अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय, कृषि कार्यालय, मेडिकल दुकान, सब्जी के लिए हाट आदि स्थान जाना हो तो एकमात्र सहारा जुगाड़ नाव है। गांव वाले कहते हैं हर साल इस गांव में गंगा नदी की पानी और नेपाल से छूटने वाली पानी वया नदी होकर गांव में फैल जाती है। उस वक्त और ज्यादा कठिनाई होने लगती है। गांव तक सही से एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाता है कई बार तो प्रसव पूर्व पैदल चलने से जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा पहुंचा है। कुछ लोगों का कहना है कि आज से तीन वर्ष पहले इस गांव में चचरी का पुल ग्रामीणों के सहयोग से हुआ करता था, जिससे लोगों को पैदल यातायात करने में सुगम होता था,लेकिन वर्ष 2020 में आई भीषण बाढ़ ने तेज बहाव में चचरी पुल को दहला दिया था,उस वक्त से ही ग्रामीण जुगारु नाव का सहारा ले रहे हैं,इस जुगाड़ू नाव निर्माण में दो से तीन हजार रुपए की लागत होता है,ग्रामीण चंदा करके जुगारु नाव का निर्माण करते हैं। जो कि कई बार इस नाव से बड़ा हादसा टला है ।
कई बार कर चुके हैं विरोध प्रदर्शन
बताते चलें कि रुपौली पंचायत के अरैया गांव के वार्ड संख्या 14 से शिवरा पंचायत के चुनना घाट पुल निर्माण की मांग को लेकर अरैया मतदान केंद्र संख्या 42 पर लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय लोगों ने वोट बहिष्कार भी किया था, फिर भी आज तक पुल निर्माण नहीं हुआ । लोग कहते हैं जनप्रतिनिधि वोट मांगने आते हैं उस वक्त पुल निर्माण करवाने का आश्वासन दे देते है, चुनाव जीत जाने के बाद फिर इस गांव में दोबारा जनता का हाल-चाल जानने तक सांसद- विधायक नहीं पहुंचते हैं ।
पटोरी प्रखंड आरडब्ल्यूडी कार्यालय में कार्यरत कार्यपालक अभियंता संजय कुमार शर्मा ने कहा कि वर्ष 2021 में विभाग को पुल निर्माण को लेकर लेटर भेजा गया था लेकिन अभी तक ऊपर से कोई जवाब नहीं आया है ।