रिपोर्ट – उधव कृष्ण
पटना. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत 01 जनवरी से होती है, लेकिन हिंदू कैलेंडर की बात करें तो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नए साल की शुरुआत हो जाती है. इस साल हिंदू कैलेंडर के नए साल साल की शुरुआत 22 मार्च 2023 से हो रही है, जो हिंदू विक्रम संवत 2080 होगा. शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि के साथ ही सृष्टि की रचना करना आरंभ किया था.
चैत्र मास से शुरू होता है नव वर्ष
भारतीय संस्कृति के विशेषज्ञ व जानकार अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि हिंदू कैलेंडर के आखिरी माह को फाल्गुन मास माना जाता है और इसके बाद के चैत्र मास के साथ नया वर्ष प्रारंभ हो जाता है. हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नया विक्रम संवत शुरू हो जाता है.
विक्रमादित्य के समय से शुरू हुआ विक्रम संवत
अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि हर काल में अपनी-अपनी गणना के अनुसार शासकों ने अपना कैलेंडर चलाया. वे आगे बताते हैं कि विक्रम संवत की शुरुआत उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने की थी. विक्रम संवत शुरू होते ही विक्रमादित्य ने अपनी प्रजा को सभी कर्जों से भी मुक्त कर दिया था.
सतयुग का हुआ आरंभ
चार युगों में से एक सतयुग का आरंभ इसी मास से हुआ था. यह सृष्टि के कालचक्र का पहला दिन माना जाता है. बता दें कि चार युग क्रमश: सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलयुग है. अरुण श्रीवास्तव कहते हैं कि भारतीय संस्कृति में हिंदू नव वर्ष की ऐतिहासिक मान्यताएं हैं. इस नव वर्ष में दैनिक शक्ति का आवाह्न किया जाता है, सात्विक रूप से पूजा-पाठ व नौ दिवसीय साधना की जाती है. जिससे सकारात्मक शक्तियां क्रियाशील हो जाती हैं.
मां दुर्गा के स्वरूप
अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि चैत्र नवरात्रि के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध करना शुरू किया था, जो चैत्र नवरात्रि के नवमी तिथि को समाप्त हुआ था. इस कारण चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि आरंभ होता है, जो पूरे 09 दिनों तक चलते हैं. इन 09 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा पाठ की जाती है.
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FIRST PUBLISHED : March 20, 2023, 17:27 IST