रिपोर्ट- सिद्धांत राज
मुंगेर: बिहार सरकार द्वारा राज्य भर में कुल 101 बुनियाद केंद्र खोले गए हैं. इन केंद्रों पर वृद्धजन, विधवा और दिव्यांगजनों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाती है.बुनियाद केंद्र का संचालन बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है. इसी के तहत मुंगेर जिला के संग्रामपुर में अनुमंडलीय स्तर बुनियाद सुविधा केंद्र संचालित हो रहा है.इन केंद्र पर पहुंचने वाले जरूरतमंदों को मिलने वाली सुविधा को तो छोड़िये, यहां के कर्मी भी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं. यहां के कर्मियों ने न्यूज 18 लोकल से अपनी परेशानियों को साझा किया. कर्मियों के न तो मानदेय में बढ़ोतरी हो पाई है और न ही इन लोगों को स्थानांतरण का लाभ मिल रहा है.
बुनियाद सेवा केंद्र में छह माह से नहीं है चश्मा
संग्रामपुर स्थित अनुमंडल स्तरीय बुनियाद सुविधा केंद्र का 2020 से संचालन हो रहा है, लेकिन अब तक इस केंद्र का उद्घाटन तक नहीं हो सका है. यहां 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों का नेत्र जांच कर चश्मा प्रदान किया जाता है, लेकिन पिछले छह महीने से यहां चश्मा उपलब्ध नहीं है. जिससे मजबूरन लोगों को लौटना पड़ जा रहा है. इस बुनियाद केंद्र में काम कर रहे इडियोलॉजिस्ट, पी एंड ओ, केंद्र प्रबंधक एवं अन्य कर्मियों ने सरकार की कमजोरी और हो रही परेशानी को भी गिनाया.
संसाधन के अभाव में जांच कर मरीजों को देना पड़ता है सांत्वना
बुनियाद केंद्र में कार्यरत पी एंड ओ अर्चना कुमारी ने बताया कि इस केंद्र पर कई प्रकार के सुविधाओं का आभाव है. जिससे यहां आने वाले मरीजों के इलाज में परेशानी होती है. बुनियाद केंद्र के पास 500 से ज्यादा ऐसे मरीज हैं, जिसकी सिर्फ जांच कर संसाधन के अभाव में उन्हें सांत्वना देना पड़ता है. उन्होंने आगे बताया कि केंद्र में 80 से 90 प्रतिशत ऐसे लोग आते हैं जिन्हें केएफओ, एएफओ, नीब्रेश, एलबीए की समस्या है. सभी मरीजों को एस्सस्टीव डिवाइस की जरूरत है, जो नहीं दे पर रहे हैं.
एक ही मानदेय पर 6 वर्ष से काम कर रहे हैं चिकित्सक और कर्मी
बुनियाद केंद्र के भौतिक चिकित्सक ज्ञानदीप कुमार ने बताया कि पिछले 3 वर्ष से काम कर रहे हैं और पहले से भी यहां काम करने वाले कई पुराने साथी हैं, जो लगभग 6 साल से काम कर रहे हैं. उनके साथ भी कई समस्याएं हैं, जिसका समाधान नहीं हो रहा है. पिछले कई वर्षों से वेतनमान में किसी प्रकार का बदलाव या वेतन में प्रोन्नति नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि संविदा पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने रेगुलर भी नहीं किया गया. केंद्र प्रबंधक नाज़नीन खातून ने बताया कि बुनियाद केंद्र जितने पोस्ट हैं, उस हिसाब से यहां चिकित्सक नहीं है. सरकारी कर्मचारी को सुविधा मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है. पटना, शेखपुरा और अन्य जिले के कर्मियों का ट्रांसफर कई साल से नहीं हुआ है. जिससे उन्हें घर जाने आने में कई समस्याएं झेलनी पड़ती है.
बुनियाद केंद्र पर इन बीमारियों का होता है इलाज
बुनियाद केंद्र में 60 वर्ष से ऊपर वाले वृद्ध, किसी भी उम्र के दिव्यांग और 18 वर्ष से ऊपर वाली विधवा महिला को फिजियोथेरेपी, आंख की जांच, स्पीच एवं श्रवण बाधित थेरैपी की जाती है. दिव्यांगों को सहायक उपक्रम दिया जाता है (जैसे ट्राय साइकिल, स्टिक, श्रवण यंत्र). साथ ही यहां लाभुक को वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, रानी लक्ष्मी बाई पेंशन, यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए निःशुल्क रूप से अप्लाई किया जाता है.
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Tags: Bihar News, Munger news
FIRST PUBLISHED : March 19, 2023, 18:38 IST